वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई ने भारत में केटीवी सिस्टम पेश किया
गुर्दे की विफलता तब होती है जब किसी व्यक्ति की एक या दोनों किडनी काम नहीं कर पाती हैं। शरीर से अशुद्ध पानी को बाहर निकालने के लिए किडनी जिम्मेदार होती है, जो इसे बहुत जरूरी बनाती है। गुर्दे की विफलता वाले रोगी को नियमित डायलिसिस की आवश्यकता होती है, एक प्रक्रिया जिसके माध्यम से अशुद्ध पानी को यांत्रिक रूप से उनके शरीर से निकाल दिया जाता है।
इसके लिए मरीजों को दो से तीन दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है। हालांकि, मुंबई में वॉकहार्ट अस्पताल गुर्दे की विफलता के रोगियों के लिए एक विशेष डायलिसिस सेवा शुरू की है।
यह सेवा नेफ्रोलॉजी विभाग की संचालक श्रीमती ज़हाबिया खोराकीवाला और अस्पताल में डॉ एमएम बहादुर किडनी ट्रांसप्लांट चिकित्सक द्वारा शुरू की गई थी।
इस सेंटर की यूएसपी इसका केटीवी डायलिसिस सिस्टम है। इस इकाई का उपयोग उपचार के लिए हेमोडायलिसिस पर्याप्तता और पेरिटोनियल डायलिसिस विधियों को मापने के लिए किया जाता है।
केटीवी डायलिसिस सेंटर में नवीनतम तकनीक शामिल है और इसका नेतृत्व उच्च प्रशिक्षित अनुभवी डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किया जाता है जो जटिल परिस्थितियों के लिए उपचार सेवाएं प्रदान करते हैं।
स्रोत: https://goo.gl/G1yvjq